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12 October 2017

18 महीने बाद पंजाब में फिर होंगे विधान सभा चुनाव ?

पंजाब में 2019 में फिर से विधान सभा चुनाव हो सकते हैं ऐसा कोई और नहीं खुद केंद्र सरकार का सोचना है कि 2019 में सभी राज्यों मे लोक सभा के साथ ही विधान सभा चुनाव पूरे करा लिए जाए। यह पहली वार नही होगा कि लोक सभा और विधान सभा के चुनाव एक साथ करवाने के बारे में बात हुई है इस से पहले भी देस में 1952,1957 और 1962 में एक साथ लोक सभा और विधान सभा चुनाव हुए थे। केंद्रीय सरकार ने अपना पूरा मन बना रखा है कि एक साथ चुनाव कराने से देस को होने वाले अरबों रुपए के खर्च से बचाया जा सके।
बाकी मोदी साहब जो सोचते हैं वह धमाका कर के ही दम लेते हैं। चुनाव आयोग से भी इस बारे बात हो चुकी हैंं और चुनाव आयोग ने 2018 के बाद कभी भी एक साथ चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। अगर ऐसा हुआ तो 18 महीनों के बाद बाकी राज्यों के साथ  पंजाब की कैप्टन सरकार भी भंग हो जाएगी।
वीवीपैट के लिए केंद्र ने 3400 करोड़ दिए
वीवीपैट मशीन के लिये 3400 करोड़ रुपये और ईवीएम के लिये 12 हजार करोड़ रुपये केन्द्र सरकार की ओर से दिए गए हैं। दो सरकारी क्षेत्र की कंपनियों को मशीनों के ऑर्डर दिए गए हैं। रावत के मुताबिक दोनों ही कम्पनियों ने मशीनों की आपूर्ति शुरू कर दी है। सितम्बर 2018 तक चुनाव आयोग के पास सभी मशीनें पहुंच जाएंगी। इनके अलावा अन्य आवश्यक तैयारियां भी पूरी कर ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि उसके बाद जब भी सरकार चाहेगी, चुनाव आयोग लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने में सक्षम होगा
                  

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