यूं तो दरबार साहब अमृतसर में आने वाले लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढती है जाती है मगर पिछले कुछ सालों से डेरा बयास के मुखी गुरिंदर सिंह भी बिना किसी लाम लश्कर के अकेले ही दरबार साहब आते देखे गए है।
क्या है कारन
डेरा बयास के मुखी को कैसर की बिमारी ने अपनी चपेट में ले रखा है। देस विदेश के माहिर डाक्टरों से ईलाज करवाने के बाद भी जब उनकी बिमारी कंट्रोल में नहीं हुई तो डाक्टरों ने दवा के साथ दुया का जिक्र किया। यहीं कारन है कि डेरा बयास के मुखी पवित्र सरोवर में ईशनान कर अपनी बिमारी से निजात पाना चाहते थे । देखा जाए तो दरबार साहब अमृतसर साहब से कोई भी इंसान खाली हाथ नहीं जाता इस के चलते सुनने में आ रहा है कि यहां पर सरधापुरबक आने के चलते डेरा बयास के मुखी गुरिंदर सिंह का कैंसर भी कंट्रोल में आ गया है। आप को बता दें कि डेरा बयास के यह पहले मुखी हैं जो दरबार साहब में आ रहे हैं।
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