साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम की दीपावली इस बार रोहतक की सुनारियां जेल में कटने वाली है। इस दौरान न तो उसके साथ हनीप्रीत होगी और न ही उसके परिवार के दूसरे सदस्य साथ होंगे। हां क्योंकि दीपावली गुरुवार को है वही दिन राम रहीम से मिलने के लिए निर्धारित किया गया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उसके परिजन मिलने पहुंच सकते हैं। बता दें कि बीते सोमवार को गुरमीत राम रहीम की पत्नी, बेटा, बेटी और दामाद मिलने सुनारियां जेल पहुंचे थे। डेरे में धूम धाम से मनाई जाती थी दीपावली इस बार महज दो लड्डू से मनेगी...
- डेरा सच्चा सौदा में गुरमीत राम रहीम बड़ी धूम-धाम से दीपावली मनाता था। बड़ी संख्या में परिसर के अंदर दीप जलाए जाते थे। लेकिन इस बार दीपावली पर राम रहीम को महज दो लड्डू से संतोष करना पड़ेगा।
- क्योंकि जेल में कैदियों को दो लड्डू देकर ही दीपावली मनाई जाती है। ऐसे में राम रहीम को इससे ही संतोष करना पड़ेगा।
- क्योंकि जेल में कैदियों को दो लड्डू देकर ही दीपावली मनाई जाती है। ऐसे में राम रहीम को इससे ही संतोष करना पड़ेगा।
पूर्व डेरा अनुयायी ने लगाए हैं ऐसे आरोप
- डेरा सच्चा सौदा के पूर्व अनुयायी और साधु हंसराज ने मीडिया को बताया कि धूमधाम से दिवाली मनाने की जिम्मेदारी बाबा की कथित मुंहबोली बेटी हनीप्रीत पर होती थी। इसके लिए हनीप्रीत 'दीपों वाली लड़कियों' का अरेंजमेंट करती थी।
- गुफा के बाहर इन लड़कियों को थाल में जलते हुए दीये लेकर खड़ा कर दिया जाता था और इसी दौरान बाबा एक खास ड्रेस में निकलता था।
- इस उत्सव में साध्वियां, साधु और डेरा के स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियां शामिल रहती थीं।
- इसके अलावा राम रहीम अपने फोटो वाले कैलेंडर जारी करता था, जो बेचे जाते थे।
- डेरे को जगमग बनाने के लिए दिवाली के मौके पर लाखों दीयों का ऑर्डर दिया जाता था।
- डेरा सच्चा सौदा के पूर्व अनुयायी और साधु हंसराज ने मीडिया को बताया कि धूमधाम से दिवाली मनाने की जिम्मेदारी बाबा की कथित मुंहबोली बेटी हनीप्रीत पर होती थी। इसके लिए हनीप्रीत 'दीपों वाली लड़कियों' का अरेंजमेंट करती थी।
- गुफा के बाहर इन लड़कियों को थाल में जलते हुए दीये लेकर खड़ा कर दिया जाता था और इसी दौरान बाबा एक खास ड्रेस में निकलता था।
- इस उत्सव में साध्वियां, साधु और डेरा के स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियां शामिल रहती थीं।
- इसके अलावा राम रहीम अपने फोटो वाले कैलेंडर जारी करता था, जो बेचे जाते थे।
- डेरे को जगमग बनाने के लिए दिवाली के मौके पर लाखों दीयों का ऑर्डर दिया जाता था।
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