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18 October 2017

यमुनानगर ने हरियाणा को टिंबर और पलाईवुड उद्योग में चोटी पर खडा किया


पलाईवुड के क्षेत्र में नंबर वन बिजेनस प्लेटफार्म www.plybazar.com ने अपने एक सर्वे में घोसित किया है कि हरियाणा के प्लाईवुड उद्योग ने सिर्फ डेढ़ दशक में शून्य से उठकर शिखर को छुआ है। इस प्रगति का श्रेय यमुनानगर के नवोन्मेशी उद्यमियों को जाता है, जिन्होंने छोटे कदमों से शुरुआत कर न सिर्फ सफलता की ऊंचाइयों को छुआ बल्कि उद्यम का एक ऐसा काफिला तैयार ‌किया जो प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से दो लाख लोगों को रोजगार दे रहा है। प्लाई उत्पादन में यमुनानगर देश में पहले नंबर पर है। करीब 18 साल पहले जिले में प्लाईवुड इंडस्ट्री शुरू हुई थी। तीन राज्यों से सटा होने के कारण यहां प्लाई के निर्माण के लिए कच्चा माल आसानी से पहुंच जाता है। समय के साथ विस्तार हुआ आज यहां  प्लाई व बोर्ड बनाने वाली 300 इकाइयां हैं। इन इकाइयों की जरूरतों को 284 पीलिंग, 505 आरा मशीनें व 56 चिपर इकाइयां पूरा कर रही है। पीलिंग फैक्ट्रियों में प्लाई निर्माण में इस्तेमाल होने वाला प्लाई पत्ता बनता है। आरा मशीनों में बोर्ड में लगने वाली लकड़ी की फट्टियां काटी जाती हैं। वहीं चिपर इकाइयों में प्लाई फैक्ट्रियों के लिए ईंधन तैयार किया जाता है। प्लाईवुड उद्योग करीब दो लाख लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार दे रहा है। तीन राज्यों से आता है पापुलर-सफेदाप्लाई निर्माण के लिए पापुलर व सफेदा कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होता है। हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल व पंजाब के करीब एक लाख किसान पापुलर व सफेदा लेकर यहां आते हैं। इसकी खरीद फरोख्त यमुनानगर के अलावा जगाधरी की लक्कड़ मंडी में की जाती है। दोनों मंडियों में प्रतिदिन औसत 40 हजार क्विंटल पापुलर व सफेदा की खरीद होती है। लक्कड़ मंडियों के साथ करीब 800 आढ़ती जुड़े हुए हैं। वहीं, प्लाई, पीलिंग व चिपर फैक्ट्रियों तथा आरा मशीनों में करीब एक लाख श्रमिक काम करते हैं

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